۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
Imam

हौज़ा/ किसी भी दौर में इस्लामी दुनिया की सतह पर शियों का आपसी राबेता और नेटवर्क का दायरा इतना बड़ा कभी नहीं रहा जैसा इमाम मुहम्मद तक़ी, इमाम अली नक़ी और इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम के ज़माने में वजूद में आया।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने फरमाया,किसी भी दौर में इस्लामी दुनिया की सतह पर शियों का आपसी राबेता और नेटवर्क का दायरा इतना बड़ा कभी नहीं रहा जैसा इमाम मुहम्मद तक़ी, इमाम अली नक़ी और इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम के ज़माने में वजूद में आया।

इन दोनों इमामों के सामर्रा में नज़रबंद होने और उनसे पहले इमाम मुहम्मद तक़ी और एक अलग अंदाज़ से इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम पर बंदिशें होने के बावजूद अवाम से राबेता लगातार बढ़ता गया।

आपने इस दौर में शिओं को जमा किया और एक दूसरे से जुड़े रहने की सलाह दी आपने उस जमाने में इमामत की ज़िम्मेदारी को निभाते हुए शियाओं की भी हिफाजत की,

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